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खुशाल श्रीमाली
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कुंवारिया के जोहिड़ा भेरूजी पांच दिवसीय मेले में कवियोंने भरे रंग
घाटी के कवि कैलाश ने दी प्रभावी प्रस्तुतियां
कवियों ने विविध रसों की कविताएं सुना कर श्रौताओं को किया मंत्रमुग्ध
राजसमंद। कुंवारिया कस्बे के मेला परिसर में पंचायत समिति राजसमंद के द्वारा आयोजित 5 दिवसीय जोहिड़ा भेरू पशु मेला कुंवारिया में रविवार रात्रि को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें देश भर से आए कवियों ने विभिन्न रसों की कविताओं से खूब रंग जमाया।कवि सम्मेलन के प्रारंभ में पंचायत समिति प्रधान अरविंद सिंह राठौड़, विकास अधिकारी महेश गर्ग, उप प्रधान एडवोकेट सुरेश कुमावत, राजेश जोशी, संजय आचार्य सहित पंचायत समिति परिवार के सदस्यों ने सभी कवियों का मेवाड़ी पगड़ी और इकलाई द्वारा स्वागत अभिनंदन किया।
राजसमंद की उदीयमान कवयित्री भावना लोहार ने मां शारदे की वंदना की। युवा कवि पंकज खींची ने अपनी पैरोडियों से खूब गुदगुदाया। घाटी के कवि कैलाश सालवी ने देश भक्ति से सराबोर रचना देश स्वयं बच जायेगा पहले परिवार बचा लें हम का पाठ किया। उन्होने कविता जिस रात वो निकले थे, दिल में चिंगारी जलाए, कसम उठाई थी उन्होंने, लौटेंगे या लहू बहाए। सीने में देशप्रेम की आग, हाथों में बंदूक थामी थी, उनके कदमों की आहट से, सरहद भी थर्राई थी का पाठ किया।
भीलवाड़ा के कवि मुकेश चेचानी ने हास्य रचना जीवन सुधर जाता चरणों में धोक देके,ऐसे गुरुदेव को प्रणाम हम करते से खूब आनंद दिया। मालवी हास्य के चितेरे कवि गोपाल धुरंधर मंदसौर ने अपनी छोटी छोटी हास्य टिप्पणियों से सबको हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया। वीर रस के कवि राहुल शर्मा उज्जैन ने राम का प्रमाण मांग रहे थे वो भी चुनावों में राम राम भजने लगे रचना सहित देशभक्ति और सम सामयिक विषयों पर शानदार काव्य पाठ किया। हास्य व्यंग के कवि कमलेश सहज इंदौर ने अपने अनोखे अंदाज में काव्य पाठ किया और अपनी रचना जिस घर में माता पिता का सम्मान ना होता है, वह घर घर नहीं श्मशान होता है द्वारा खूब तालियां बटोरी।
कवि सम्मेलन में राजसमंद के युवा कवि जितेंद्र पालीवाल जीत ने महादेव वंदना और अखंड ब्रह्म की धुरी पर शोभित चमकता बिंदु हूँ शिखा शीश पर भाल पर टीका गर्व से कहता हिंदू हूं कविता द्वारा सनातन संस्कृति आधारित काव्य पाठ कर सभी को रोमाचित किया।
कवयित्री भावना लोहार ने प्रेम और श्रृंगार के मुक्तक और गीत शोर्य पराक्रम की परिपाटी वाला राजस्थान है मां पन्ना और हल्दीघाटी वाला राजस्थान है, पग पग मीरा बाई के ये प्रेम भक्ति में रमा हुआ, जौहर ज्वाल समेटे माटी वाला राजस्थान है सभी का मन मोह लिया। हास्य के अद्भुद कवि दिनेश बंटी शाहपुरा ने एक नेता को गुड से तौला तो गुड़ बोला ये क्या गजब कर रहे हो तुम तो गुड़ और गोबर एक कर रहे हो और आप कहोगे ये तो कोई तर्क नहीं मगर मैं समझता हूँ मोबाईल और बीवी में कोई फर्क नहीं सहित कई सूक्ष्म व्यंग की अनेक रचनाएं सुनाकर सभी को आनंदित कर दिया।
राजसमंद के वीर रस के कवि सतीश आचार्य ने जिनको डर लगता है भारत माता के जयकारों से, जो डरते हैं राष्ट्र प्रेम के निर्मल पावन धारों से, जिनको भारत की जय में भी ध्वंस दिखाई देता है ऐसे लोगों में रावण और कंश दिखाई देता है और शिक्षा के भगवाकरण के आरोप के जवाब में जब लोग दुनियां में नंगे डोल रहे थे तोते यहां के वेदमंत्र बोल रहे थे जेसी कविताओं से श्रोताओं को चिंतन पर मजबूर कर दिया।
संचालन करते हुए सूत्रधार कवि पंडित गौरव पालीवाल ने अपने छंद और पेरोडियों से सबको खूब हंसाया। कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य लेहरू लाल अहीर, पंचायत समिति सदस्य प्रकाश पालीवाल, भाजपा नेता महेश आचार्य छोटू बापू, सुखदेव यादव, विजय प्रकाश सनाढ्य, कर्मचारी महासंघ जिला अध्यक्ष कैलाश शर्मा, राकेश चपलोत, गणेश पोरवाल, राजेन्द्र पोखरना, महेश सेन , पंकज सालवी, रतन लाल खटीक सहित कई श्रोता 2 बजे तक जमे रहे। अंत में उप प्रधान एडवोकेट सुरेश कुमावत ने सभी का आभार व्यक्त किया सामूहिक राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया।