Friday, March 14, 2025

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चेम्बूर विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में ‘प्रेक्षा ध्यान ‘ स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन

स्वस्थता की परमौषधि है – प्रेक्षाध्यान साधना – प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा

                   विकास धाकड़

       म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन एवं महिला मंडल चेम्बूर (मुंबई) के तत्वावधान में साध्वी प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान स्वास्थ्य कार्यशाला
आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रो.साध्वी मंगलप्रज्ञा ने अपने उद्‌बोधन में कहा-ध्यान स्वस्थता के लिए परम औषधि है और उपयोगी साधना है। हर व्यक्ति इस पद्धति के द्वारा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता है बशर्ते डेली रुटीन में कुछ समय ध्यान साधना के लिए नियोजित करें।
साध्वी जी ने प्रेक्षाध्यान पद्धति की विस्तृत चर्चा करते हुए ध्यान करने के लिए कोलाहल रहित स्थान का चयन बैठने की मुद्रा और आसन आदि। का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमारा शरीर एनर्जी हाऊस है। उस शक्ति का अर्जन करने के लिए प्रयोगों को करना आवश्यक है। स्वास्थ्य की चाबी स्वयं के भीतर है। आवश्यकता है संकल्पित होकर पौरुष के साथ शक्ति का उद्‌घाटन किया जाए। शुरुआत खुद को करनी होगी । परिणाम सुखद होगा ।
समणश्रेणी में की गई विदेश यात्रा के अनुभव साझा करते हुए साध्वी जी ने कहा- अनेक व्यक्तियों को हमने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए।वे प्रयोग कारगर हुए | प्रेक्षाध्यान तनाव मुक्ति का प्रयोग है। आनंद,शांति का स्रोत है। विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए साध्वी मंगल प्रज्ञा ने कहा-प्रेक्षाध्यान के 50 वर्ष पर प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष  के तहत विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।- ध्यान साधना का सलक्ष्य प्रयास होना चाहिए | श्रावक समाज इस विरासत का उपयोग करे | प्राप्त रसायन से तन, मन और भावों को पोषित करें। शारीरिक,मानसिक ओर भावात्मक स्वास्थ्य प्राप्ती के लिए प्रेक्षाध्यान एक महत्वपूर्ण चिकित्सा है। साध्वी जी ने कहा- आज की तनावग्रस्त जिन्दगी में संपूर्ण विश्व को इस पद्धति की नितान्त आवश्यकता है। प्रेमभाव, सद्भाव सम्यकत्व भाव और शांति, आनन्द के लिए मानव मात्र को प्रेक्षाध्यान साधना का अभ्यास करना चाहिए।
प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिकाओं ने इस अवसर पर मधुर संगान किया। साध्वी सुदर्शन प्रभा ने परिषद को ध्यान का प्रयोग करवाया। उन्होंने कहा हमारा शरीर एक फेक्ट्री हैं इसके सम्यक संचालन के लिए, ध्वनियंत्र, आसन, प्राणायाम,अनुप्रेक्षा आदि प्रयोग परम आलम्बन है। जीवनशैली को प्रशस्त बनाना अपेक्षित है,साध्वी
जी के सान्निध्य में 5 सप्त दिवसीय प्रवास के दौरान अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए । तेरापंथ सभा के अध्यक्ष रमेश धोका ने सम्पूर्ण तेरापंथ समाज की ओर से साध्वी जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित
करते हुए कहा-यह कार्यकारी प्रवास चेम्बूर वासियों के लिए यादगार बन गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी शौर्य प्रभा ने किया।

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