Friday, March 14, 2025

Epaper

कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़ते  हैं : संत मुरलीधर  महाराज

5000 श्रोताओं की बैठक व्यवस्था पंडाल में 7000

श्रीराम भक्तों ने सुनी श्रीराम कथा,पंडाल पड़ गया छोटा

                     बी एल जैन
        म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी

राजसमन्द:लावासरदारगढ भारत खंड ,जोधपुर सूर्यनगरी के निकट बावड़ी के गाँव केलावा ने रघुवंश पुरम आश्रम केशव प्रिया गौशाला में आयोजित नौ दिवसीय राम कथा महोत्सव के व्यासपीठ पर विराजित संत  मुरलीधर  महाराज ने राम कथा का वाचन करते हुए  माता सीता की विदाई करवाई। जिससे कथा पांडाल में सभी श्रोताओं के आखों से अश्रूधारा बहने लगी। उस के प्रश्चात राम जी को अयोध्या लौटे ओर वहाँ उनको वनवास मिला जिसमे , राम , लक्ष्मण ओर सीता माता वन में चले गए । केवट प्रसंग को बड़े भावपूर्ण तरीके से श्रोताओं के समक्ष रखा। और उन्होंने कहा कि कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़ते हैं। जब गंगा पार करने के लिए प्रभु श्रीराम केवट से नाव मांगते हैं, तो केवट नाव लाने से मना कर देता है। और कहता कि हे भगवान मैं आप का मर्म जानता हूं। जिस परमात्मा का मर्म ब्रह्मा विष्णु महेश नहीं जान पाए वह केवट कहता है। कि मैं आपका मर्म जानता हूं।  मैं आपको गंगा पार तभी कराऊँगा जब आप मुझे चरण पखारने की अनुमति देंगे । इस पर प्रभु श्री राम केवट को चरण पखारने  का कहते है। उसके बाद भगवान केवट की नाव में बैठकर गंगा पार करते हैं। इस अवसर पर महाराज जी के द्वारा गाए गए भजन “मेरी नैया में सीता राम गंगा मैया धीरे बहो…..ने भक्तो को  मंत्रमुग्ध कर दिया। केवट नाव इस किनारे से उस किनारे घुमाता है। तो भगवान केवट भैया तुम बार-बार चक्कर क्यों लगाते हो मुझे चक्कर आते हैं। तब भगवान से निवेदन करता है। कि भगवान आपको चार पांच चक्कर में चक्कर आने लग गए हम तो 84  का चक्कर लगाते हैं। तब हमें चक्कर नहीं आते। तब भगवान कहते हैं। मैं तेरा चक्कर मिटा देता हूं। तो मेरा चक्कर मिटा दे। इसके पश्चात केवट भगवान को गंगा पार करवाता है। और उतराई देने की बात आती है ।तो भगवान राम के पास देने के लिए कुछ भी नहीं होता, जानकी जी पति की मन स्थिति को देखकर अपनी अंगूठी देने की कोशिश करती हैं। जिस पर लिखा होता है। राम….. तब केवट कहता है। भगवान इस पर राम लिखा है। और राम कभी बेचा नहीं जाता। बस मुझे अपने चरणों में स्थान दो, इससे बड़ी और उतराई  क्या हो सकती है। और प्रभु श्री राम केवट को आशीर्वचन देकर प्रयागराज में भारद्वाज ऋषि के आश्रम में पहुंचते हैं | इस अवसर पर सुरज कुंड महाराज महंत अवधेशानंद महाराज, कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़, राजसमंद पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक ,प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव योगेंद्रसिंह परमार, डॉ. लक्ष्मी झाला उदयपुर, पूर्व उप प्रधान लोकेंद्र सिंह राठौड़, हरिसिंह राव जेतपुरा, सरदारगढ़ पंचायत प्रशासक प्रवीण मेवाड़ा, उप सरपंच लक्ष्मण माली, बजरंगदास वैष्णव, गजेंद्रसिंह राजपूत, गोविंद कीर ,मुकेश वैष्णव, किशनलाल माली खेड़िया, रत्नेश आमेटा, किशनलाल माली सरदारगढ़, शिवचरणसिंह चौहान, पूर्व सरपंच नारायण प्रजापत, पंडित दुर्गेश जोशी, किशनसिंह गोपालपुरा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

महंत अवधेशानंद जी पहुंचे कथा पंडाल परिसर में : सूरजकुंड महाराज महंत अवधेशानंद जी कस्बे में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के आठवें दिन रविवार को पहुंचे। महंत अवधेशानंद  महाराज के पंडाल में प्रवेश करते ही उपस्थित हजारों श्री राम भक्त उनके सम्मान में हाथ जोड़कर खड़े हो गये। महंत अवधेशानंद  ने मंच पर पहुंचकर व्यास पीठ को प्रणाम कर मानस संत मुरलीधर  महाराज को कंठी पहनाई।

विशाल पंडाल भी छोटा नजर आया :  कस्बे में चल रही श्री राम कथा के सुनने के लिए अस्थाई रूप से बनाये गये पाण्डाल जिसमे करीब 5 हजार श्रीराम भक्तों के बैठने की व्यवस्था भी कम पड गयी । रविवार के चलते श्रीराम कथा का श्रवण करने सरदारगढ़ कस्बे से करीब 50 से 60 किलोमीटर दूर दराज के गांवो व शहरों से करीब 7 हजार श्रद्धालु पहुंचे। करीब 4:30 घंटे से अधिक चली श्री राम कथा सुनने के लिए सभी उपस्थित श्रोता शांत भाव से कथा सुनने का आनंद लेते रहे।फोटो  हीरालाल सुथार बिनोल

आणखी वाचा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

चालू घडामोडी