



विकास धाकड़
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मुंबई:पालघर के नालासोपारा उपनगर में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपहास में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित प्रेक्षा प्रस्ट के अन्तर्गत प्रेक्षाप्रवाह शांति एवं शक्ति की भोर विषयक कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला माउल,नालासोपारा द्वारा किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रसा ने कहा- भगवान महावीर का दर्शन स्वास्थ्य का दर्शन है। भगवान महावीर की विलुप्त साधना पद्धति को आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने पुनर्जागृत किया। जैनागमों में निहित अनेक ध्यान सूत्रों का अन्वेषन किया। विभिन्न प्रयोग किए प्रलम्ब साधना के फलस्वरूप मानवजाति को प्रेक्षाध्यान के साध्वी प्रो.मंगल प्रज्ञा ने कहा- प्रेक्षाध्यान में व्यक्तिव परिवर्तन, भावना परिवर्तन के अनेक प्रयोग है। शांति, शक्ति, आनन्द प्रदायक और पोजिटिव सकारात्मक सोच संवर्धक प्रयोगों से जीवन-पथ निर्वाध बन जाता है। दीर्घ श्वास प्रेक्षा,चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा, श्वास प्रेक्षा आदि। से रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास संभव है। महिला सशक्तिकरण में भी प्रेक्षाध्यान महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। आज की तनावग्रस्त जीवन शैली को प्रशस्त बनाने के लिए प्रेक्षाध्यान साधना पद्धति जरूरत है। इस साधना को जीवनचर्या का अंग बनाया जाए। साध्वी श्री द्वारा देश-विदेशों में समणश्रेणी में की गई यात्राओं के अनुभवों को साझा करते हुए कहा ऐसे लोग जो जिन्दगी की कठिनाइयों से परेशान होकर निराश, हताश जीवन जी रहे हैं। उन्हें साधना के चुनिंदा प्रयोग करवाए गए, आज वे अच्छी तरह जिन्दगी जी रहे हैं। प्रेक्षाध्यान से संकल्प, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रोगों का ईलाज संभव है। महिला मंडल की बहनों ने प्रेक्षा गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती मानसी मेहता ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साध्वी डॉ चैतन्य प्रभा जी ने कहा- ध्यान की शैली अनेक समस्याओं का समाधान है। विश्वास और श्रद्धा के साथ की गई साधना फलवान बनती है। डॉ. साध्वी शौर्यप्रभा ने आसान, ध्यान मुद्रा आदि के प्रयोग करणाएं। साध्वी सुदर्शन प्रभा ने मंगल-भावना करवाई। कार्यक्रम का संचालन साध्वी डॉ. शौर्यप्रभा ने किया। तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री प्रवीणा ने आभार ज्ञापन किया ! पुरे समाज सें सराहनीय उपस्थिति रही!