Saturday, March 15, 2025

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साध्वी  मंगलप्रज्ञा  के पावन सानिध्य में विरार में श्रावक सम्मेलन  का विराट आयोजन

       

                     विकास धाकड़
           म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी

मुंबई:पालघर तेरापंथ में गुरु दृष्टि है। सर्वोपरि प्रोफेसर साध्वी  मंगलप्रभाजी, प्रोफेसर  ने श्रावक सम्मेलन में सैकड़ो की तादाद में उपस्थित विरार श्रावक समाज को संबोधित करते हुए कहा। प्रकाश, आनंद और शक्ति की यात्रा जहां से प्रारंभ होती है। वह सम्यक दर्शन कहलाता है। व्रत की चेतना से भावित यात्रा श्रावकत्व होती है। श्रावकत्व की घनीभूत चेतना साधुत्व है। वही यात्रा प्रयाण करती हुई। सिद्धत्व और बुद्धत्व धारक कहलाती है ।अनुयायी जन्मजात होते हैं ।पर श्रावक बनने के लिए व्रत चेतना का जागरण आवश्यक है हम सौभाग्यशाली हैं। जिन्हें प्रभु महावीर का वितराग शासन मिला। साधना के लिए तेरापंथ नाम से विख्यात भिक्षु शासन मिला साध्वी श्री जी ने कहा। संघ की नींव को गहरा करने में साधु साध्वीयों श्रावक श्रावकों का महनीय बलिदान है। विनय, समर्पण, बुजुर्गों के प्रति सम्मान आदि । विशेष गुण संस्कार के रूप में मिले हैं। आज परिवार और समाज के लिए चिंतन का विषय है ।इन गुणों का आज कितना संवर्धन हो रहा है। कितना ह्रास हो रहा है। जिस संघ के सदस्य विद्याशील, संगठित,विनयवान ,समर्पित होते हैं। उनका ग्राफ ऊंचा होता है।एक गुरु की आज्ञा और गुरु निष्ठा का रूप तेरापंथ संघ में मिलता है। साध्वी श्रीजी ने चतुर्दशी हाजिरी वाचन करते हुए। प्रेरणा प्रदान की और कहा कि संघ की मौलिक मर्यादाएं हमारी पथ प्रदर्शक हैं।हमने संघ की शरण स्वीकार की है। हमारा विश्वास आत्मदर्शन में है। प्रदर्शन में नहीं हर शख्स अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे ।समाज़ में बेकार की कुरीतिया पैदा हो रही है। उनका खात्मा हो समाज को स्वस्थ बनाने के लिए मौन धारण की बजाय कुरीतियों पर प्रहार करें। जो समाज अनुशासन और मर्यादा में चलता है। वह जागरूक समाज है।अपने इरादों को मजबूत बनाएं साकार करें अपने हौसलों को बुलंद रखें, साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा  ने कहा आज प्री वेडिंग पार्टी ,पुल पार्टी, हुक्का पार्लर पार्टी और शादी आदि । प्रसंग पर जैन समाज में शराब की बोतले खुलना शोभास्पद नहीं है। परिवारों को भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखना अभिभावको का परमदायित्व है।मात्र नाम से जैन नहीं, आचरण से जैन बनना आवश्यक है। विरार की धरा पर प्रथम बार आयोजित श्रावक सम्मेलन के अवसर पर साध्वी श्री  ने कहा। वसई नालासोपारा विरार स्तरीय यह श्रावक सम्मेलन वरदान बने ऐसा पवित्र संकल्प जरूरी है। गुरु निर्देशानुसार इन क्षेत्रों की हमने यात्रा की जहां श्रद्धा का पारावार उमड़ रहा है श्रद्धा, भक्ति, समर्पण, गुरु इंगित आराधना की भावना निरंतर प्रवर्धमान होती रहे।गण विकास में अपना समय और शक्ति का सम्यक नियोजन करते रहे। कहीं आपकी गलती से युवा पीढ़ी भावी पीढ़ी पथ से विचलित ना हो ऐसा पवित्र संकल्प और प्रयास हो। साध्वी शौर्यप्रभाजी ने कहा ।संघ के सच्चे सैनिक बनकर सुरक्षा के लिए सतत चिंतन करना हर श्रावक  का दायित्व है। साध्वी वृंद ने तेरापंथ अक्षरधाम म्यूजियम की शानदार प्रस्तुति दी।वही ज्ञानशाला किशोर एवं कन्याओं द्वारा तेरापंथ मिलिट्री फोर्स कार्यक्रम पेश कर सभी में नया जोश भर दिया।विरार महिला मंडल द्वारा मंगल संग्राम के पश्चात तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष किरण हिंगड़ और तेरापंथ सभा विरार के अध्यक्ष अजयराज फुलफगर ने समागत विशेष अतिथियों पदाधिकारीयो एवं संपूर्ण परिषद का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर मुंबई सभाध्यक्ष मानक  धींग ,उपाध्यक्ष दलपत  बाबेल, मंत्री दिनेश  सुतरिया ,श्री तुलसी महाप्रज्ञ उपाध्यक्ष प्यारचंद मेहता, अणुव्रत समिति मुंबई अध्यक्ष रोशनलाल मेहता, मंत्री राजेश चौधरी, अखिल भारतीय महिलामंडल की कोषाध्यक्ष तरुणा बोहरा,अभातेयूप कार्यकारिणी सदस्य हेमंत धाकड़ , तेयूप मंत्री संजय धाकड़ ,नालासोपारा तेयूप अध्यक्ष मनोज सोलंकी, महासभा से विरार के प्रभारी निर्मल  जैन, वसई महिला मंडल परामर्शक आशा गुंदेचा, पालघर सभा निवर्तमान अध्यक्ष देवीलाल सिंघवी, वसई सभाध्यक्ष भगवतीलाल चौहान, पालघर सभा अध्यक्ष चतुर ,भारत जैन महामंडल के सदस्य मीठालाल धाकड़ ने साध्वी श्री  की यात्रा इस यात्रा को संघ प्रभावी बताते हुए। सम्मेलन की भव्य समायोजना के लिए कृतज्ञता की। साध्वी वृंद एवं भिक्षु भजन मंडली विरार द्वारा भावपूर्ण संज्ञान प्रस्तुत किया। विरार सभा के मंत्री लक्ष्मीलाल डांगी ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी डॉक्टर राजुलप्रभा  ने किया, पुरे समाज सें सराहनीय उपस्थिति रही !

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