राल दर्शन के दौरान गूंजे भगवान के जयकारे, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड

पवन वैष्णव
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमन्द:आमेट उपखंड पर स्थित प्रभु जयसिंह श्याम मंदिर में फाल्गुन त्रयोदशी पर विशेष राल दर्शन का आयोजन किया गया। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। भगवान जयसिंह श्याम को लाल चटकीले वस्त्र पहनाए गए। साथ ही सफेद कल्लंगी और स्वर्ण-रजत व मोती माणक्य जड़ित आभूषणों से श्रृंगार किया गया। और
रात 8 :00 बजे महाआरती के बाद राल दर्शन का कार्यक्रम शुरू हुआ। भगवान के सामने दो बड़ी मशालें रखी गईं। मंदिर के पुजारी जयसिंह मनोज, धर्मेश, सूर्यवीर, रुद्राक्ष शर्मा और कमलेश शर्मा ने विधिवत पूजा-अर्चना की। मशालों पर विशेष राल सामग्री डाली गई। जैसे ही ऊंची आग की लपटें उठीं, चारों तरफ भगवान जयसिंह श्याम के जयकारे गूंजने लगे। कार्यक्रम में नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।पुजारी मनोज शर्मा ने राल दर्शन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि यह कृष्ण लीलाओं से जुड़ी एक पौराणिक परंपरा है। भगवान श्रीकृष्ण जब गोप बालकों के साथ वन में गायें चराने जाते थे। तब हुए भयानक दावानल की स्मृति में यह आयोजन किया जाता है। राल का फागोत्सव में विशेष महत्व है। जलती मशाल पर राल जलाने से वातावरण शुद्ध होता है ।और यह बीमारियों को दूर करने में सहायक है।