खेल मैदान पर अतिक्रमण के चलते दो साल से चार दिवारी का निर्माण कार्य अधरझूल में
डीएमएफटी योजना में चार दीवारी निर्माण के लिए 12 लाख रूपए की है वित्तीय स्वीकृति
ग्रामीणों ने सांसद को समस्या से कराया अवगत
खुशाल श्रीमाली
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमन्द:कुंवारिया समीपवर्ती घाटी ग्राम पंचायत क्षेत्र के रावों का खेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के खेल मैदान पर अतिक्रमण के चलते 2 साल से स्वीकृत कार्य चालू नहीं हो पा रहा है। राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग व पंचायत राज विभाग के ढुलमुल रवैया के चलते अधरझुल में लटके हुए चार दीवारी के निर्माण कार्य को चालू कराने के लिए ग्रामीणों ने संासद से गुहार लगाई है।
ग्रामीणों ने सांसद को दिए गए ज्ञापन में बताया कि रावों का खेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय को 10 सितंबर 2009 को आराजी नंबर 310/ 242 मैं चार बीघा तेरा बिस्वा भूमि खेल मैदान के लिए आरक्षित की गई थी। ग्रामीणों के द्वारा खेल मैदान पर चार दिवारी की लगातार मांग उठने पर जिला प्रशासन ने डीएमएफटी योजना के तहत 7 जून 2022 को 11 लाख 97 हजार 891 रूपए की स्वीकृति जारी की गई। चार दिवारी का निर्माण विगत 2 वर्ष से खेल मैदान पर अतिक्रमण के चलते प्रारंभ भी नहीं हो पाया।
विद्यालय की एसडीएमसी समिति के प्रतिनिधियों के द्वारा लगातार विद्यालय, राजस्व विभाग, ग्राम पंचायत व जिला प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की ओर कोई भी गंभीर नहीं होने के चलते निर्माण कार्य अटका हुआ है। राव खेड़ा गांव के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से शुक्रवार को राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड को समस्या से अवगत कराया गया। सांसद ने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से सुनकर राजस्व विभाग के अधिकारियों को दो दिन में आवश्यक कार्रवाई करने के दिशा निर्देशन दिए। इस अवसर पर ग्रामीण शांतिलाल कालबेलिया, शंकर लाल, जमना देवी, मुकेश कुमार, हीरालाल, राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।
दो साल से काट रहे हैं चक्कर
रावों का खेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के एसडीएमसी मेंबरों ने बताया कि विगत 2 वर्ष से शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, राजस्व विभाग व पंचायत राज विभाग के चक्कर लगा रहे हैं पर कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। खेल मैदान से अतिक्रमण हटाने की मांग पर अधिकारी व कर्मचारी ढुनमूल नीति अपना रखी थी जिसके कारण खेल मैदान की चार दिवारी का निर्माण कार्य दो साल से अटका हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया तो ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करेंगे।