Friday, March 14, 2025

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जैन तीर्थ संतों के दर्शन के लिए चारभुजा से 151 यात्रियों का संघ ने नाकोड़ा भैरूजी के किए दर्शन

नाकोड़ा भैरूनाथ मेवाड़ मूर्ति पूजक संघ के रविशेखर सुरी और चंद्रनंद सागर महाराज नाकोड़ा आदि जैन साधू संतो के दर्शन और आशीर्वाद लिया

                       मनीष दवे

         म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमन्द: चारभुजा कस्बे से 151 सदस्य दल द्वारा जैन तीर्थ स्थलों पर पहुंचकर संतों के चातुर्मास स्थल पहुंच दर्शन और व्याख्यान प्रवचन सुने चारभुजा गड़बोर के समाजसेवी भामाशाह बाबू लाल राठौड़ के नेतृत्व में 151 सदस्यीय दल द्वारा भैरव नाकोड़ा संघ ने जालौर जिले के आहोर में चातुर्मास के तहत विराज रहे आचार्य रवि शेखर जी व आचार्य ललित शेखर जी म.सा. के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। तथा उनके प्रवचन सुने । जहां आचार्य रवि शेखर ने स्वामी व भग्त के बीच का व्यथांत सुनाया जहां उदाहरण देते हुए हनुमान राम का अच्छा भगत था ।वही शबरी भी राम की भक्त थी। जो कितने ही बरसों बाद राम उनके द्वार पर गए ।जहां पर शबरी ने चक चक कर उनको बेर खिलाए थे ।जैसे समर्पण भाव बताया।संघ द्वारा नाकोड़ा भैरव धाम पहुंचने पर विराजित आचार्य चंद्रानंद सागर महाराज सा आदि ठाणा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया ।जहां पर चंद्रानंद सागरजी म.सा. ने कहा कि पुत सपूत हो और कपूर हो तो हमें धन संचय करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। यदि पुत्र सपूत वह कपूत होगा ।तो वह खुद अपने आप कमा लेगा और अगर पुत्र गलत प्रवृत्ति में पड़ जाता है। और वह पैसा नहीं कमाता है। तो आपके कमाया हुआ पैसा भी वह खर्च कर देगा । जहा पर मानव सेवा ही नहीं पशु ,चिकित्सा एवं पुण्यात कार्य में सब कुछ महीनो अर्पित करने वाले ऐसे सरल मृदुल वाणी जो सभी को साथ लेकर चलने वाले ऐसे चारभुजा के लाडले भामाशाह समाजसेवी बाबू भाई राठौड़ का माला तिलक लगाकर उनका बहुमान कर उनको आशीर्वाद दिया। तथा ऐसे ही कार्य में अपना जीवन लगाने को कहा ऐसे नेक काम करने वाले को भगवान चारों हाथों से छप्पर फाड़ कर देता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए। और यह भी कहा कि तुम्हारे से ज्यादा पैसे बहुत लोगो के पास होंगे। लेकिन इतना बड़ा उदार दिल नहीं होने के कारण वह नहीं के बराबर है। इस यात्रा में समाजसेवी बाबू भाई राठौड़ वरदान ज्वैलर्स गोरेगांव ,रमेश भाई राठौड़ के अलावा पुजारी धनराज पंचोली ,गणेश लाल वीरावत ,गोपाल गुर्जर, कुबेर सिंह सोलंकी ,भगवान सिंह सोलंकी, भेरुसिंह सोलंकी, सरपंच धर्मचंद सरगरा के अलावा जैन समाज मूर्ति पूजक संघ अध्यक्ष मोडीलाल कचारा, हिमाचल सूरी ट्रस्ट के अध्यक्ष केतन मादरेचा ,डॉक्टर हस्तीमल मादरेचा ,कन्हैयालाल कावड़िया, शांतिलाल कावड़िया, डॉक्टर लोकेश शर्मा ,बसंत पालीवाल, शांतिलाल टेलर,प्रकाश दास वैष्णव, सत्यनारायण वैष्णव , प्रकाश सोनी , हीरालाल जोशी, कमलेश टेलर, बंसीलाल टेलर सहित समस्त पुजारीगण एवं सर्व समाज के लोग मौजूद थे।

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