पशुपालक व किसान हो रहे हैं परेशान ग्रामीणों ने वन विभाग से पेंथर से मुक्ति दिलाने की लगाई गुहार



खुशाल श्रीमाली
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमंद: कुंवारिया क्षेत्र के भेरूखेड़ा आबादी के समीप पैंथर की चहलकदमी व मवेशियों का शिकार करने की घटनाएं आम हो गई हैं । आए दिन पालतू दुधारू मवेशियों के साथ भेड़ बकरियां भी बन रहे पैंथर का निवाला ।पैंथर के बढ़ते खतरा से क्षेत्र के किसानों व पशुपालकों में भारी खोफ बना हुआ है।
ग्रामीण सुनील सालवी, पुष्कर सालवी, कन्हैयालाल सालवी, महेंद्र सालवी, पंकज सालवी, लक्ष्मण किर आदि ग्रामीणों ने बताया। कि भेरूखेड़ा बस्ती में आए दिन पैंथर का खोफ बना रहता है। आबादी के आसपास के बाड़ों में आए दिन पैंथर के द्वारा पशुओं पर हमला करके शिकार किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार की रात को मांगी लाल पाटवाल के खेत पर स्थित बाड़े में गाय व बछड़ा दोनों बंधे हुए थे। बुधवार की सुबह खेत मालिक मांगी लाल व सुनील सालवी गायों की सार संभाल करने गए ।तो बछड़ा क्षतविक्षत अवस्था में मृत पड़ा हुआ दिखाई दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि भेरुखेड़ा क्षेत्र में आए दिन पैंथर की उपस्थिति रहती है। ऐसे में किसानो को खेतों में जाने के लिए हमेशा पैंथर के शिकार डर बना रहता हैं। वहीं पशुपालक भी मवेशियों पर आए दिन हो रहे पैंथर के हमले से दुखी और परेशान हैं ।। ग्रामीणों ने आतंक का पर्याय बने पैंथर को पकड़ने के लिए वन विभाग से पिंजरा लगाने की मांग की है।
भेरुखेड़ा क्षेत्र में पैंथर के द्वारा बछड़े का शिकार करने की सूचना पर वन विभाग राजसमंद के कार्मिक अशोक वैष्णव आदि। वन विभाग की गश्ती टीम मौके पर पहुंच कर विस्तार से जानकारी लेकर वन विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। बुधवार की शाम को वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंच कर पिंजरा लगा।पेंथर को पकड़ने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। आमलियों के बाग क्षेत्र में भी बनी हुई है पैंथर की चहलकदमी पर लक्ष्मण किर बताया कि कस्बे के आसपास भी पैंथर की चहल कदमी बनी हुई है। जिससे ग्रामीणों में डर बना हुआ है। कुंवारिया निवासी किशन लाल किर का बछड़ा हर दिन की तरह खेतो से अन्य पशुओं के साथ में घर पर आ जाता था ।परन्तु वो घर पर नहीं आने पर उसे तलाश किया तो बछड़ा यादव मोहल्ले के समीप में आमलियों के बाग क्षैत्र में सड़क पर ही क्षतविक्षत अवस्था में मृत पडा हुआ था। मृत बछड़े के गले में निशान बने हुए थे। ग्रामीणों ने आतंक का पर्याय बने पैंथर से मुक्ति दिलाने की वन विभाग से मांग की है।