Friday, March 14, 2025

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मालाड में मनाया भगवान महावीर का 2585 वां दीक्षा कल्याणक

महावीर जैसा आध्यात्मिक चेतना के उर्धवारोहण का संकल्प करें । साध्वी प्रो. मंगलप्रज्ञा

                     विकास धाकड़
          म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी

मुंबई:मलाड तेरापंथ भवन में समायोजित महावीर दीक्षा कल्याण कार्यक्रम में उपस्थित धर्म परिषद को सम्बोधित करते हुए। साध्वी प्रोफेसर मंगल प्रज्ञा  ने कहा – जीवन में जन्मदिन से बड़ा दीक्षा दिवस होता है।क्योंकि धरती पर जन्म लेने वाले सभी होते हैं । पर गृहस्थ जीवन को छोड़ कर संयम-पथ स्वीकार करने वाले विरले होते हैं। भगवान महावीर का जीवन प्रारंभ से ही करुणा, समता, वैराग्य से परिपूर्ण रहा है। महान गुणों के अवधारक महावीर ने राग से वैराग्य-पथ पर चरण न्यास किया। शरण में आए शरणार्थियों का ऊद्वार किया। आत्म कल्याण का मार्ग दिखाया।
साध्वी  प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा ने कहा- आज का दिन प्रेरणा देता है हर श्रावक के अपने सम्यकत्व की स्थिरता बनी रहे। ऐसी साधना करे। अपने सम्यकत्व की सुरक्षा का प्रयास करे। लक्ष्य का निर्धारण करे। सम्यकत्व एक महत्त्वपूर्ण खजाना है।वह जागरुकता के अभाव में कही व्यर्थ न चला जाए। सभी मोक्ष में जा सकते हैं।इस बात को न भूलें भगवान महावीर के बारे में ज्यादा भले ही न कहें  महावीर ने जों कहा है।उसे अपने जीवन व्यवहार में अपनाएं। अनेकान्त, अहिंसा, अपरिग्रह की चेतना का अध्र्वारोहण हो ।
तेयुप के सामूहिक महावीर अभ्यर्थना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। तेरापंथ सभा मालाड के मंत्री सुरेश धोका तेयुप अध्यक्ष जयन्ती मादरेचा, बैंगलौर से समागत ज्ञानशाला पूर्व प्रभारी, राजेश कोठारी ने श्रद्धासिक्त विचार प्रस्तुत किए। साध्वी अतुलयशा  ने कहा भगवान महावीर का जीवन आदर्श है। उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए साधुत्व स्वीकार करके महान सूत्र दिए हैं।
साध्वी सुदर्शना प्रभा ,साध्वी अतुल यशा ,साध्वी राजुल प्रभा साध्वी चैतन्य प्रभा  और साध्वी शौर्यप्रभा  ने – “महावीर हॉस्पिटल” कार्यक्रम की मोहक प्रस्तुति दी और “जिनशासन का सुंदर उपवन “- गीत का सामूहिक संगान कर परिषद में समा बांधा। तेरापंथ महिला मंडल मालाड की बहनों ने श्रद्धा- स्वर प्रस्तुत किए। साध्वी राजुल प्रभा  और साध्वी चैतन्य प्रभा ने आज से ग्यारह वर्ष पूर्व, तुलसी जन्मशताब्दी के अवसर पर बीदासर वृहद्‌ दीक्षा समारोह में महाश्रमण  श्री मुख सें श्रेणी आरोहण किया। आज के दिन दीक्षा प्रदाता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपने अनेक अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा- गुरुकृपा से हम साध्वी  डॉ मंगलप्रज्ञा  के सानिध्य में पूर्ण समाधि के साथ विकास कर रहे हैं। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी  सुदर्शन प्रभा नें किया !

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