सिटी पैलेस के भव्यता के साक्षी बने कश्मीरी युवा, जहां हर कोना मेवाड़ के इतिहास की कहानी कहता है

पवन वैष्णव/रिया व्यास
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
उदयपुर: गृह मंत्रालय, भारत सरकार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ योजना के तहत कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के चौथे दिन प्रतिभागियों को उदयपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का भ्रमण कराया गया।
दिन की शुरुआत दूध तलाई से हुई, जहां युवाओं ने उदयपुर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया। इसके बाद सभी प्रतिभागी सिटी पैलेस पहुंचे। यहां गाइड की सहायता से उन्हें मेवाड़ के शौर्य और गौरवशाली इतिहास से परिचित कराया गया। कश्मीरी युवाओं ने सिटी पैलेस के संग्रहालय में प्रदर्शित प्राचीन धरोहरों और कला को देखकर मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत की सराहना की।
सिटी पैलेस भ्रमण के बाद प्रतिभागियों ने उदयपुर के पुराने बाजार और सुखाड़िया सर्कल का दौरा किया। बाजार में उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प, राजस्थानी परिधानों और आभूषणों को करीब से देखा। वहीं, सुखाड़िया सर्कल की आकर्षक फव्वारों और आसपास के वातावरण ने युवाओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
दोपहर के भोजन के बाद, प्रतिभागियों को फतेहसागर झील ले जाया गया। झील के शांत पानी और खूबसूरत दृश्यों ने सभी युवाओं को मोहित कर दिया। फतेहसागर की खूबसूरती ने कश्मीरी युवाओं को अपने कश्मीर की झीलों की याद दिलाई।
दिन के अंत में बसों के माध्यम से पूरे उदयपुर शहर का भ्रमण कराया गया। प्रतिभागियों ने इस दौरान शहर की ऐतिहासिक धरोहरों और आधुनिकता के संगम को देखा।जिला युवा अधिकारी शुभम पुरबिया ने बताया कि यह कार्यक्रम कश्मीर और मेवाड़ की संस्कृतियों के बीच सेतु का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि “ऐसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान न केवल युवाओं को विविध संस्कृतियों को समझने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को भी सुदृढ़ करते हैं।”
कश्मीरी युवाओं ने उदयपुर की मेवाड़ी संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला की जमकर प्रशंसा की और इस यात्रा को अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।