केमहावीर नगर में अग्रवाल समाज की ओर से आयोजित भागवत कथा का तृतीय दिवस


दिनेश पालीवाल
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमंद. महावीर नगर में अग्रवाल समाज की ओर से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन पंडित रामपाल शर्मा शास्त्री ने महाभारत काल के प्रसंग पर बोलते हुए कहा। कि भगवान तो हर समय हमारे साथ है, लेकिन कुछ पाना है। और जीवन में सफलता प्राप्त करनी है। तो कर्म तो हमें ही करने पड़ेंगे।
पंडित शास्त्री ने कहा कि महाभारत के युद्ध में स्वयं प्रभु श्री कृष्ण अर्जुन के साथ थे।
लेकिन युद्ध में लड़ना तो अर्जुन को ही पड़ा था। इस प्रकार प्रभु का स्मरण करने से प्रभु हमेशा हमारे साथ रहते हैं, लेकिन काम तो हमें ही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संसार में गुरु आपके अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले होते हैं। उन्होंने कि गुरु तो रास्ता बता सकते हैं और उसे मार्ग पर चलना आपको ही पड़ेगा। इसके लिए यह भी आवश्यक है जिसे भी गुरु बना रहे हैं, उसके प्रति आपको समर्पित होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के मन से माया का पर्दा हटते ही उसे ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज के समय में इंसान सांसारिक माया-मोह में फंसा हुआ है। इसी कारण की व्यक्ति को जितना मिलता है वह उससे संतुष्ट नहीं होता और उसे हर समय और अधिक पानी की इच्छा रहती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की संसार में आवश्यकताएं तो पूरी हो सकती है, लेकिन इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती।
उन्होंने आहार और खान-पान पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर हमारा आहार शुद्ध है तो मन शुद्ध रहेगा और मन शुद्ध रहेगा ।तो आपकी बुद्धि और सामर्थ्य भी शुद्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति ने अगर अपनी बुद्धि को शुद्ध तो उसे संसार में कोई तकलीफ नहीं होती। उन्होंने कहा कि आप जो भी कार्य करते हैं उसे प्रभु को समर्पित कर दो कभी कोई गलत कार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न सिर्फ कर्म बल्कि मन वचन आदि। भी प्रमुख को समर्पित कर दें तो मन में अहंकार नहीं रहेगा और आपको किसी प्रकार का दोस्त नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि आप अगर मैं में रहेंगे। अर्थात कोई भी कार्य करने के बाद कहेंगे कि यह कार्य मैंने किया है। तो उसका फल भी आपको ही प्राप्त होगा। चाहे वह अच्छा हो या बुरा। जबकि अगर वचन कर्म आपने बहुत कर दिए तो आपको कोई दोष नहीं लगेगा। इसके साथ ही शास्त्री ने प्रभु को डराया जाने वाले छप्पन भोग की महिमा एवं उसकी महत्ता का भी वर्णन किया।
भगवान विष्णु के नाभि कमल पर विराजे ब्रह्मा जी
कथा अनुष्ठानकर्ता जगदीश अग्रवाल ने बताया कि कथा में प्रसंग के अनुसार भगवान विष्णु के नाभि कमल पर जगत पिता ब्रह्मा जी के विराजमान होने की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही प्रभु श्री कृष्ण के विदुर के यहां अतिथि के रूप में पहुंचकर भोजन ग्रहण करने की झांकी ने भी श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इसके साथ ही कथा में प्रसंग के अनुसार गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना, दर्शन कर ली जो जी हरि की लीला है, अच्छा है सृष्टि को जी प्रभु ने, एवं आज हरि आए हैं विदुर घर पावना, जैसे भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालुओं ने जमकर भक्ति नृत्य किया।