


विकास धाकड़
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मुंबई:दादर युगप्रधान आचार्य महा श्रमणजी की विदुषी शिष्या “शासनश्री” साध्वी श्री विद्यावती “द्वितीय”ठाणा 5 के सान्निध्य में नूतन वर्ष के उपलक्ष में बृहद् मंगलपाठ का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम भक्तामर स्तोत्र का सामूहिक पाठ किया गया। मंगल स्तुति के बाद साध्वी प्रियंवदा जी, साध्वी प्रेरणा श्रीजी, साध्वी मृदुयशाजी एवं साध्वी ऋद्धियशाजी ने महाप्रभावशाली, विघ्नविनाशक, शांतिदायक विविध मंत्रों का उच्चारण किया। दादर, एलपिस्टन, माटुंगा, धारावी, सायन कोलीवाडा ,वडाला, गोरेगांव, मलाड, महालक्ष्मी, भायखला आदि उपनगरों से समागत सभी श्रावक श्राविकाओं ने पूर्ण तन्मयता एवं एकाग्रता के साथ मंत्रों का श्रवण किया। साध्वी वृंद ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया। साध्वी प्रियंवदाजी ने कहा “मंत्रों एवं आगम वाणी से अपने भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। मंत्र में अपार शक्ति होती है। जब मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो अलौकिक शांति की अनुभूति होती है”। नये वर्ष बृहद् मंगलपाठ का श्रवण इसलिए किया जाता है। कि आत्मिक शक्ति साधना के क्षेत्र में योगभूत बनी रहे।
साध्वी विद्यावती ने प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा। “नये वर्ष के शुभ प्रवेश पर कोई न कोई ऐसा एक संकल्प स्वीकार करें जो आपकी जिंदगी को सम्यक् दिशा की ओर गतिशील कर सके ” श्रावक जीवन की साधना में संकल्पों का एक अलग ही प्रभाव होता है। संकल्प दृढ़ है तो विकास भी संभव है। अतः आज स्वेच्छानुसार यथा शक्ति एक संकल्प अवश्य स्वीकार करें, उपस्थित जनसमूह ने यथा इच्छा एक एक संकल्प स्वीकार किया।
इस मंगल अवसर पर सूरजकरण दुगड (मलाड), विकास धाकड़ (गोरेगांव) देवीलाल चोरड़िया (माटुंगा) रवि दोशी (महालक्ष्मी) निर्मल भंसाली, पंकज चौपडा, रजत मारू आदि गणमान्य विशेष रूप से उपस्थित थे। पुरे श्रावक समाज की सराहनीय उपस्थिति रही !