पूर्व चौदस रात्रि में निकाला ठाकुर जी का वैवाण



मनीष दवे
म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी
राजसमन्द:चारभुजा धार्मिक नगरी मैं मौनी अमावस्या बुधवार को मनाई गई। जहां पर दर्शनों को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वही भक्तों द्वारा कतार में खड़े रहकर दर्शन लाभ लिया। मौनी अमावस्या के चलते पुजारीयो द्वारा भगवान की प्रतिमा को विशेष श्रृंगार धरा कर हाथों में अस्त्र , शस्त्र से सुशोभित किया गया। तथा श्रृंगार के साथ पूजा अर्चना की गई वही इन दर्शनों को लेकर भक्तों का दूर दराज से आने का क्रम पूर्व रात्रि से ही प्रारंभ हुआ। जहां दिन भर मंदिर में दर्शनों का क्रम चलता रहा। बाजारों में भी भीड़ नजर दिखाई दी। भक्तों ने दर्शन कर दान पुण्य भी किया ।तथा गरीबों को भोजन भी करवाया। निकटवर्ती रोकड़ीया हनुमान धाम, विश्वकर्मा धाम के दर्शन कर गोमती नदी तट पर स्नान कर तर्पण किए गए । चौदस रात्रि में ठाकुर जी के बाल स्वरूप को चांदी के वैवाण में बिठाकर बाहर नंगार चौक मे लाए जहां रेवाड़ी वाले पुजारीयो द्वारा पुनः बाल स्वरूप को गुलाब के फूलों से श्रृंगार धरा कर दर्शन करवाए। भक्तों ने जय कारे लगाएं भोग मनोरथ करवाया जहां पर लापसी का भोग,सिंघाड़े की सेव, मावा, कसार का प्रसाद सहित अन्य व्यंजनों के भोग लगवाए गए। दर्शनों को लेकर हजारों की तादाद में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा । ठाकुर जी के वैवाण को मीराबाई मंदिर ले गए । जहां पर कृष्ण एवं मीराबाई पर आधारित पुजारी ने हरजस गान कर स्तब्ध सुनाया। ठीक 12:00 रात्रि में ठाकुर बाल स्वरूप को पुनः गर्भ ग्रह में ले जाकर प्रतिस्थापित कर सयन करवाया गया। वही मौनी अमावस्या पर दिनभर मंदिर में भक्तों की रेलम फैल रही।