Friday, March 14, 2025

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राजस्थान में 3 साल से पहले नही होगी बदली जल्द ला रही भजनलाल सरकार

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जयपुर:राजस्थान सरकार सरकारी कर्मचारियों के बार-बार होने वाले तबादलों को रोकने के लिए नई नीति ला रही है। इस नीति के तहत कर्मचारियों को तबादले से पहले तीन साल तक एक ही जगह काम करना होगा। साथ ही, सभी कर्मचारियों को कम से कम दो साल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देनी होगी।जयपुर: राजस्थान में नई सरकार बनने के कुछ दिन बाद पीएम मोदी जयपुर आए थे। तब भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में उन्होंने विधायकों से कहा कि वे तबादलों के चक्कर में नहीं पड़ें। सरकार किसी भी पार्टी की हो, कर्मचारियों को सरकार की ओर से बनाई गई योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करना ही पड़ता है। जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, कर्मचारी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। पीएम मोदी की इस नसीहत के बाद करीब डेढ़ महीने तक राजस्थान में ट्रांसफर नहीं हुए। बाद में सभी विभागों में तबादले हुए। अब राज्य सरकार एक ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है। इस पॉलिसी में ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिससे बार-बार ट्रांसफर का झंझट ही खत्म हो जाए।राज्य सरकार सभी विभागों से मांगे हैं सुझावराज्य सरकार की ओर से सभी विभागों के लिए एसओपी जारी की गई है। इस एसओपी पर विभाग के प्रमुख अपने अधिकारियों से चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद अपने सुझाव देकर वापस सरकार को भेजेंगे। सभी विभागाध्यक्षों की ओर से सुझाव आने के बाद राज्य सरकार उन पर विचार करेगी और फिर इस पॉलिसी को लागू करेगी। नई तैयार की जाने वाली पॉलिसी में ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिससे ट्रांसफर विवाद खत्म हो सके।साल से पहले नहीं हो सकेंगे ट्रांसफर, 2 साल ग्रामीण इलाके में नौकरी नई ट्रांसफर पॉलिसी में केंद्र सरकार की तर्ज पर ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं कि 3 साल से पहले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। विशेष प्रकरणों को छोड़कर सामान्य तौर पर राज्य सरकार ट्रांसफर नहीं करेगी। सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को कम से कम 2 साल तक ग्रामीण इलाकों में नौकरी करनी होगी। ऐसा प्रावधान भी जोड़ा जा रहा है।विवादों से छुटकारा चाहती है सरकार
विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर होने वाले हजारों ट्रांसफर के बाद कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कई अधिकारी सरकार की ओर से किए गए ट्रांसफर को कोर्ट में चुनौती देते हैं। कई प्रकरणों में कोर्ट तबादलों पर कोर्ट स्टे दे देता है या कई बार निरस्त भी कर देता है। इससे सरकार की किरकिरी होती है। विवादित तबादलों से जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच टकराव की स्थिति भी बनती है। ऐसे प्रपंचों से बचने के लिए सरकार नई पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है।

आणखी वाचा

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