Friday, March 14, 2025

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प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान बदलने के लिए 1951 में मुख्यमंत्रियों को लिखे नेहरू के पत्र का हवाला दिया

संविधान पर बहस के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा

                कन्हैया जोशी
      म्हारो राजस्थान राजस्थान टीवी

डेस्क मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान पर बहस का जवाब देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1951 में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र का हवाला दिया। पीएम मोदी ने कहा कि यह पंडित नेहरू ही थे जिन्होंने कहा था कि अगर संविधान हमारे रास्ते में आता है तो हमें उसे बदलने में संकोच नहीं करना चाहिए।लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा था। अपने पत्र में उन्होंने लिखा था – “यदि संविधान आड़े आता है…तो हमें किसी भी कीमत पर संविधान में बदलाव करना होगा।” नेहरू जी ने यह बात मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में लिखी थी।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “1951 में यह पाप किया गया था। लेकिन देश चुप नहीं रहा। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें सचेत किया कि यह गलत है। तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने भी उन्हें बताया कि वह जो कर रहे हैं, वह गलत है। आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण जैसे महान कांग्रेस नेताओं ने पंडित नेहरू को सचेत किया। लेकिन पंडित नेहरू का अपना संविधान था। इसलिए उन्होंने ऐसे वरिष्ठ नेताओं के सुझावों की उपेक्षा की
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘1947 से 1952 तक इस देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी। एक अस्थायी व्यवस्था थी, एक चुनी हुई सरकार थी। चुनाव नहीं होते थे। चुनाव होने तक एक अंतरिम सरकार चलती थी। 1952 से पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी चुनाव नहीं हुए थे। लोगों का कोई जनादेश नहीं था… 1951 में जब चुनी हुई सरकार नहीं थी, तो उन्होंने अध्यादेश लाकर संविधान में संशोधन किया। अभिव्यक्ति के अधिकार पर हमला किया गया… यह संविधान निर्माताओं का अपमान था… मौका मिलते ही उन्होंने अभिव्यक्ति के अधिकार पर प्रहार कर दिया। यह संविधान निर्माताओं का घोर अपमान था। जो काम संविधान सभा में नहीं हो सका, उसे उन्होंने पिछले दरवाजे से कराया और वो भी तब जब वो चुनी हुई सरकार के पीएम नहीं थे। उन्होंने पाप किया।’अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर बार-बार हमला करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह संविधान को नष्ट किया है, वैसा किसी ने नहीं किया। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए।पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश में आपातकाल लगाया था।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मुझे संविधान पर अच्छी बहस की उम्मीद थी, लेकिन कुछ लोगों ने अपनी हार पर शोक मनाने का फैसला कर लिया।’’

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कांग्रेस ने अपने अति पिछड़े समाज के अध्यक्ष सीताराम केसरी को इन्होंने बाथरूम में बंद कर दिया गया था ,फुटपाथ पर फेंका दिया ,अपनी पार्टी का संविधान नहीं मानते ये लोग , एक परिवार का कब्जा है पार्टी पर ,कोई लोकतंत्र नहीं मानते ये लोग – PM

बाबा साहेब की बात बताते हुये PM ने कहा – आधा वीडियो कट करके घुमाना मत ,ये बाबा साहब ने कहा था

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